उपनल का उपाय???
कई दिनों से अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारी धरने पर बैठे हैं ,और अब मांगे न माने जाने तक उन्होंने अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री से उपनल का प्रतिनिधिमंडल मिला भी पर कोई बात नहीं बनी, हाँ सीएम साहब ने वेतन वृद्धि पर विचार करने का आश्वासन जरूर दिया पर कर्मचारी संतुष्ट नै हुए और अनशन शुरू कर दिया। खैर अभी इसका हल निकलता नज़र नहीं आ रहा है।
क्योंकि इस मुद्दे का राजनीतिकरण हो चूका है। यहाँ तक कहा जा रहा है की,उपनल का ये धरना किसी पार्टी विशेष या किसी नेता के द्वारा प्रायोजित है । हालाँकि उपनल कर्मचारी इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं उनका साफ़ साफ़ कहना है की हम सरकार के कर्मचारी हैं और सरकार के आगे अपनी मांग रख रहे हैं । लेकिन सरकार द्वारा नकारात्मक रुख दिखने के बाद अब उपनल कर्मचारियों ने धरना स्थल पर राजनेताओ को मंच पर स्थान दे दिया है,आज इसी कड़ी में हरक सिंह रावत भी धरना स्थल पहुंचे और अपना समर्थन दिया।
अब इस मुद्दे पर धीरे धीरे राजनीती गरमाती जायेगी, पर इस राजनीति की गर्मी में कही उपनल कर्मियो का आंदोलन के साथ साथ उत्तराखंड का विकास न झुलस जाये,क्योंकि उपनल से विभिन्न विभागों में लगभग 20,000 कर्मचारी हैं जिनके हड़ताल पर जाने से व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं,जिसका सीधा नुक्सान उत्तराखंड की जनता को उठाना पड़ रहा है इसलिए इसे राजनीति का अखाडा न बनाकर अगर इसका उपाय निकाला जाए,तो वो प्रदेश व जनहित में होगा।
उम्मीद है की सरकार इसका जल्द ही कोई उपाय निकालेगी।
कई दिनों से अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारी धरने पर बैठे हैं ,और अब मांगे न माने जाने तक उन्होंने अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री से उपनल का प्रतिनिधिमंडल मिला भी पर कोई बात नहीं बनी, हाँ सीएम साहब ने वेतन वृद्धि पर विचार करने का आश्वासन जरूर दिया पर कर्मचारी संतुष्ट नै हुए और अनशन शुरू कर दिया। खैर अभी इसका हल निकलता नज़र नहीं आ रहा है।
क्योंकि इस मुद्दे का राजनीतिकरण हो चूका है। यहाँ तक कहा जा रहा है की,उपनल का ये धरना किसी पार्टी विशेष या किसी नेता के द्वारा प्रायोजित है । हालाँकि उपनल कर्मचारी इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं उनका साफ़ साफ़ कहना है की हम सरकार के कर्मचारी हैं और सरकार के आगे अपनी मांग रख रहे हैं । लेकिन सरकार द्वारा नकारात्मक रुख दिखने के बाद अब उपनल कर्मचारियों ने धरना स्थल पर राजनेताओ को मंच पर स्थान दे दिया है,आज इसी कड़ी में हरक सिंह रावत भी धरना स्थल पहुंचे और अपना समर्थन दिया।
अब इस मुद्दे पर धीरे धीरे राजनीती गरमाती जायेगी, पर इस राजनीति की गर्मी में कही उपनल कर्मियो का आंदोलन के साथ साथ उत्तराखंड का विकास न झुलस जाये,क्योंकि उपनल से विभिन्न विभागों में लगभग 20,000 कर्मचारी हैं जिनके हड़ताल पर जाने से व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं,जिसका सीधा नुक्सान उत्तराखंड की जनता को उठाना पड़ रहा है इसलिए इसे राजनीति का अखाडा न बनाकर अगर इसका उपाय निकाला जाए,तो वो प्रदेश व जनहित में होगा।
उम्मीद है की सरकार इसका जल्द ही कोई उपाय निकालेगी।
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