बीजेपी के नेता दयाशंकर के द्वारा मायावती पर की गयी अभद्र टिप्पणी को लेकर यूपी में गालियो का घमासान शुरू हो गया है।
जी हां....बहनजी उर्फ बसपा सुप्रीमो मायावती को बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर यादव ने अपशब्द कहे...जो बेहद निंदनीय है....और उनके मानसिक दिवालियापन की निशानी है.....लेकिन संसद से लेकर सड़क तक हंगामे का दौर तब शुरु हुआ जब माया के कार्यकर्ताओं ने भी उसी अभद्र भाषा का प्रयोग कर दयाशंकर से परिवार पर प्रहार करना शुरु कर दिया। बीजेपी ने दयाशंकर को पार्टी से निष्कासित कर अपना दायित्व पूरा किया तो कानून अपने स्तर से मामले पर अपना काम कर रहा है लेकिन इस सब के बीच जो शुरु हो चुकी है वो है राजनीति....
इस पूरे मामले को 2017 की तैयारियों के बीच एक पैराशूट मुद्दे की तरह हम देख सकते है। दयाशंकर द्वारा इस्तमाल की गई अभद्र भाषा जो बसपा के लिए बीजेपी को कठघरे में खड़ा करने का हथियार बन चुकी थी वहीं हथीयार अब बीजोपी बसपा के खिलाफ चलाने लगी है। बसपा दयाशंकर के कड़वे बोल का मुद्दा भुनाने में लगी है तो बीजेपी माया के उकसाने पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा अपनाए गए उसी रवैये को। यानी ये साफ है कि फिलहाल दोनों ही दलों को वो मुद्दा मिल गया है जिसके बल पर कम से कम चुनावी तैयारियों का आगाज तो धमाकेदार रहा,पर इस सब का जनता पर क्या असर होगा ये तो जनता अपने वोट की चोट से बताएगी की उनको क्या भाया????
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