एक हमारी पुराणी कहावत च क़ि बल ।।
गौड़ी जन रमाल च तन दुधाल भी हुन्दी ???
या ही स्थिति आजकल हमर उत्तराखंड माँ भी हुई च, आजकल जग जगा रैली हुना छन
कखि बैठक क दौर चलूँनु च,,, और खूब हल्ला मचुनु च की अब उत्तराखंड कु विकास कल्ला ।
पुराणी सरकरो कु मुंड माँ सारा कु सारा इलज़ाम लगे जणू च की पुराणी सरकारू कुछ नी करी ,,पर निर्भगी यान भी नई सूचणा छन की यक् पेली सरकार कैकि छे । यक् ता बारी लगी छन ,,कभी तू और कभी मी,,,पर उत्तराखंड की जनता नंबर अभी तक नई आई,,,हाँ आजकल जरूर आईं च ,,ना ना क्वि विकास या नोकरी की बात नि मी कनु।। मी बात कनु छों रैली माँ बुलावा कु। आजकल विधायक जी और बाकी नेता जी खूब आवभगत काना छिन। किले की बडू बडू नेता की रैली माँ अप्डू जन बल भी त दिखाण। टिकट कु सवाल जू च। हमर राजनेताओं माँ खूब होड़ लगी च ,खूब दौड़ भी लगणी च,,,की कखि मी पिछने न रे जों ।2017 मा विधायक साहब बणण क ज्वा इच्छा च ,,वींक चक्कर माँ नेताओ क सांस फुलणा च।
और दौरा, रैली, और बैठक मा बस एक ही बात,,,,पहाड़ कु विकास करला,, पहाड़ की पानी अर जवानी बचोला। रोजगार दयूला,,,और भी पतानी क्या क्या । नेता खूब रमाण छन। पर 16 साल माँ अभी तक दुधाल नेता मीन कभी नी देखि। यखक नेता ता लतवाड़ गोडी क तराँ ह्वे गेन ।
खैर अब ता बस हम त जरुरत च यनु नेता की जू रमाल या लतवाड़ जन भी हो, पर जरा दुधाल भी हो ,,
किले की एक कहावत और भी च की,
गौड़ी भले ही लतवाड़ हो पर दुधाल भी हो।
No comments:
Post a Comment